राकेश शर्मा (समाचार हिमाचल) 30 जून 2025

हिमाचल प्रदेश विद्युत पेंशनर फोरम की नूरपुर यूनिट ने डोर-टू-डोर सदस्यता अभियान की शुरुआत कांगड़ा जिले के पक्का टियाला (कंडबाल जसूर) क्षेत्र से की। इस अभियान के तहत विद्युत बोर्ड से सेवानिवृत्त पेंशनरों के घर-घर जाकर उन्हें फोरम की सदस्यता दिलाई गई और विद्युत बोर्ड में चल रहे ताज़ा घटनाक्रमों से अवगत करवाया गया।
इस अवसर पर फोरम के राज्य उपाध्यक्ष पवन मोहल ने कहा कि पिछले दो वर्षों से विद्युत बोर्ड से रिटायर हुए कर्मचारियों को उनके रिटायरी लाभ नहीं दिए जा रहे हैं, जिससे पेंशनरों में प्रदेश सरकार और बोर्ड प्रबंधन के प्रति भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार और विद्युत बोर्ड प्रबंधन वर्ग सभी लंबित वित्तीय लाभों की एकमुश्त अदायगी सुनिश्चित करें।
पवन मोहल ने जानकारी दी कि जनवरी 2016 से मार्च 2022 के बीच रिटायर हुए पेंशनरों को रिवाइज्ड लिव इन कैशमेंट, रिवाइज्ड ग्रेच्युटी, और संशोधित वेतनमान की बकाया राशि अब तक नहीं दी गई है। इसके साथ ही मार्च 2024 के बाद से रिटायर हुए कर्मियों को ग्रेच्युटी और सितंबर 2023 के बाद से लिव इन कैशमेंट नहीं दी गई है। उन्होंने मांग की कि ये सभी भुगतान शीघ्र किए जाएं ताकि पेंशनर अपने बुढ़ापे में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें।
फोरम ने "बिजली मित्र" की भर्ती पर भी कड़ा ऐतराज़ जताया। फोरम का कहना है कि विद्युत विभाग एक जोखिमभरा क्षेत्र है, जहां प्रशिक्षित और स्थायी कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। ऐसे में "बिजली मित्र" जैसी अस्थायी भर्तियां कर्मचारियों की सुरक्षा और विभाग की कार्यक्षमता दोनों के लिए हानिकारक हैं।
फोरम ने यह भी आरोप लगाया कि विद्युत बोर्ड प्रबंधन ने दो वर्ष पूर्व 1030 फील्ड कर्मचारियों के पद भरने की मंजूरी दी थी लेकिन अब तक इन पदों को भरा नहीं गया है। साथ ही लगभग 12,000 स्वीकृत रिक्त पद भी लंबे समय से खाली हैं। फोरम ने प्रदेश सरकार से इन पदों पर शीघ्र भर्ती के आदेश जारी करने की मांग की।
इस अभियान के दौरान रमेश पठानिया, रजिस्टर सिंह पठानिया, शमशेर सिंह पठानिया और जगरूप सिंह पठानिया ने पेंशनर फोरम की सदस्यता ग्रहण की।
इस मौके पर नूरपुर पेंशनर फोरम के सचिव अरुण सहोत्रा, ऑडिटर राजकुमार और जबाली पेंशनर फोरम से रिटायर्ड एसडीओ चैन सिंह पठानिया भी उपस्थित रहे।
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